१८५७ का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख कारण
१. भारत का धन लूट कर इंग्लैंड ले जाना
रोबर्ट क्लाइव
भारत में पहला गवर्नर या जिसे कमांडर ऑफ़ चीफ कहते है व रोबर्ट क्लाइव था | हम उसे भारत का सबसे बड़ा डाकू कहते है | उसने भारत पर 1725-1774 तक राज किया | | उसने सुराजुदौला के साथ युद्ध किया | यह वास्तव में युद्ध नहीं था एक धोखा था | रोबर्ट क्लीव ने देखा के मीर जाफर एक लालची सेना पति है सुराजुदौला का वः बंगाल नवाब बनने के सपने देखता था | रोबर्ट क्लीव ने इसको आग दी व उसे कहा यदि वह युद्ध में अपने सैनिकों को सरेंडर करने का हुकम दोगे तो मैं तुझे बंगाल का नवाब बना दूंगा | उसने अपने १८००० सिपाहियों को हथियार को कहा व १८ अंग्रेजी सिपाहियों ने उनको बांध कर उनका कत्ल कर दिया | उसके बाद उसने मीरजाफर का भी कत्ल कर दिया | व सात साल कोलकाता को लुटा | व लूट का सामान इंग्लैंड ले गया | अपने समय दौरान वह भारत से लूट कर 900 समुंद्री जहाज ले गया इंग्लैंड | एक जहाज में उसने 70 meteric टन सोना व हेरे जवाहरात रखे | १ मटेरिक टन में १००० किलो होते है मतलब 70000 किलोग्राम सोना एक साल में लूट कर गया व ७ सालों में ऐसे 900 जहाज भर के इंग्लैंड ले गया | मतलबः भारत में से इंग्लैंड 9 ०० * 7 ०,००० किलोग्राम | इसकी कीमत १००० मिलियन स्टर्लिंग पोंड थी | अगर आज इस धन को अंग्रेजों से वापिस ले तो
इस लुटे धन की आज की कीमत = 1000 X 10,00,000 X Rs. 101.62 = Rs. 10162,13,21,912.77 = Rs. 10162 crore 13 lakh 21 hjar 9 so 12
and 300 X devaluated pound value in 2022 from 1765, so multiply this =
इस तरह ८४ गवर्नर जनरल भारत को लूटने के लिए आये |
जब १७५७ से १८५७ तक सो साल बीत गए तो लोगों में बहुत गुसा आ गया के अंग्रेजों को मार कर भारत से बाहर भगाओं | जिस १८५७ में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम हुआ
१७५७ से लेकर १९४७ तक भारत से से 300,००,००० करोड़ रुपये की सम्पति लूटी
२. अंग्रेजों ने भारतीयों पर अतियाचार करना
जो भी अंग्रेजों का विरोध करे | उसको तोप के मुँह से बांध कर चिथड़रे चिथड़रे करते थे |
३. अंग्रेजों ने गाय माता के कत्ल के लिए भूचरखाना खोला
४. अंग्रेज भारतियों को जबरदस्ती ईसाई बनाते थे |
५. अंग्रेज भारत में वेभिचार को बड़ा रहे थे |
१८५७ का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम शुरुवात मंगल पण्डे जी ने की | उनको पता लगा कि अंग्रेज कारतूस पर गाये का मास लगाते हैं | यही कारतूस भारतवासियों को मुँह से खोलना पड़ता था | तो मंगल पण्डे ने एक अंग्रेज से पूछा कि क्या आप गाय को काट कर उसका मांस कारतूस पर लगाते हो | अंग्रेज ने न भी नहीं बोला और हा भी नहीं बोला | उस अधिकारी का नाम था मेजर जनरल ह्यूसन | मंगल पण्डे के पास रीफेल थी मंगल पण्डे ने दो गोली मारी | इसके बाद मंगल पण्डे ने एक और अंग्रेज अधिकारी को मार डाला |
इसके बाद कुछ और अंग्रेज आ गए व मंगल पण्डे को दबोच लिया व मंगल पण्डे के खिलाफ कोर्ट मार्शल हुआ |
१० दिन बाद उनको फांसी हो गयी | ८ अप्रैल १८५७ को |
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