यह पुस्तक वीर सावरकर जी द्वारा लिखी गई थी जो महान स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्हें दोहरा कारावास मिला। उन्होंने बिना कागज और कलम के लिखा। उसने दीवार पर कीलों से लिखा और फिर उसे याद करके अपने देश के लोगों के लिए भेज दिया।
इस पुस्तक के छपने से बिर्टिश सरकार डर गयी थी | व इसके पब्लिकेशन को बंद करा दिया गया | इस पुस्तक को लिखने के लिए वीर सावरकर जी ने बहुत तपस्या के उन्होंने इंडिया ऑफिस लाइब्रेरी में इस विषय की सच्चे तथ्यों को पड़ा | सबसे पहले यह पुस्तक मराठी में छापी गयी अब इसका हिंदी रूप भी आपके सामने है | यह पुस्तक इंग्लिश में द फर्स्ट वॉर ऑफ़ इंडिपेंडेंस १८५७ के रूप में प्रकाशित हुयी
लेखक: विनायक दामोदर सावरकर
आईएसबीएन: 81-7315-646-3
भाषा: हिंदी
पृष्ठों की संख्या : 424
बाइंडिंग स्टाइल: हार्ड कवर
डिलिवरी: एक सप्ताह के भीतर
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