मेरी उम्र आज ६० साल ( 19th dec. २०२२) की हो गयी है भगवान् के आशीर्वाद से पिछले बिस सालों में १० लाख से से से ज्यादा गौ माता को अपनी टीम के साथ बचाया | बहुत संघर्ष हुआ , बहुत गौ भगतों की शाहदत हुयी | बहुत बार मुझे भी चोटे लगी, रक्त भी बहा, पर फिर भी आज तक गौ रक्षा के लिए मैं लगा हुआ हूँ क्योकि मैंने संकल्प लिया था कि अपने आखरी साँस तक मैं गौ सेवा व गौ रक्षा करता रहूंगा क्योकि मेरी माँ ने तो मुझे ६ महीने दूध पिलाया है पर गौ माता आज 60 साल तक भी दूध पीला रही है | मैं गाय को बचपन से ही प्यार करता हूँ क्योंकि मैं गाय को बचपन से ही माता के रूप में पूजता हूँ। मैं गायों के भीतर रहना चाहता हूं। गायों को कसाइयों से बचाने के लिए मरना ही मेरे जीवन का लक्ष्य है।
अपने ठन्डे हो चुके रक्त को आग की ज्वाला बनाने के लिए
मैंने खून से यह आत्म कथा लिखी है , यदि एक भी व्यक्ति गौ भक्त बन के गौ हत्या रोकने के लिए आगे आता है तो मैं समझूगा मेरी मेहनत सफल हुयी
Information of Book
Pages : 39
Publisher : Krantikari
Author : Satish Kumar
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