राम प्रसाद बिस्मिल भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने अपना पूरा जीवन भारत की स्वतंत्रता के लिए लगा दिया। उनका जन्म 11 जून 1897 को हुआ था। उन्होंने स्वामी दयानंद सरस्वती के सत्यार्थ प्रकाश व और स्वामी सोमदेव से प्रेरित होकर अपना क्रांतिकारी जीवन शुरू किया।
जन्म और शिक्षा
उनका जन्म 11 जून 1897 को शाहजहांपुर में हुआ था। उनके पिता का नाम मुरलीधर तोमर और माता का नाम मूलमती था। उनके चाचा का नाम कल्याण मल था। उनके दादा का नाम नारायणमल था। बचपन में उन्होंने हिंदी और उर्दू सीखी। उनकी 5 बहनें और 3 भाई थे। बचपन में उनके दो भाइयों और दो बहनों की मृत्यु हो गई।
उनके दादाजी को भारतीय नस्ल की गाय पालने का शौक था और वे बहुत शांत स्वभाव के थे और बिना पैर पकड़े दूध देती थी । उन्होंने बचपन में उनका दूध पिया।
बचपन में उन्हें पिता की पेटी से पैसे चुराने की बुरी आदत हो गई थी। इस पैसे से उन्होंने प्रेम कहानी का उपन्यास पढ़ा। उन्हें बचपन में धूम्रपान करने और भांग का इस्तेमाल करने की भी बुरी आदत हो गई थी। उन्होंने एक दिन में 50 -60 सिगरेट पी। पैसे चुराने के दौरान उसकी माँ ने उसे पकड़ लिया और उसने उसके सारे उपन्यास निकाल उनको आग लगा दी । इस वजह से वह उर्दू मिडिल क्लास में फेल हो गए। एक आध्यात्मिक व्यक्ति उनसे मिला और उनकी संगति के कारण उन्होंने धूम्रपान की आदत छोड़ दी और ब्रह्मचर्य का पालन किया। धूम्रपान की बुरी आदत को छोड़ने के लिए श्री युत सुशीलचंद सेन ने भी उनका साथ दिया था।
जब उन्होंने सत्यार्थ प्रकाश पढ़ा, तो उन्होंने अपनी जीवन शैली बदल दी। वह सुबह जल्दी उठगए । वह रोज व्यायाम के लिए जाने लगे । उन्होंने नमक खाना छोड़ दिया। उन्होंने अपना फिटनेस स्तर बढ़ाया।
वे आर्यसमजी बन गए। वे आर्य समाज अधिवेशन जाने लगे । उन्होंने आर्य समाज के विद्वानों का व्याख्यान सुना। स्वामी सोमदेव ने उनके जीवन को प्रेरित किया था।